Thursday, 11 December 2014

                         अब सियासी पिच पर बल्लेबाजी!
    टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अब राजनीति में अपनी किस्मत अजमा सकते हैं, वर्ल्ड कप टीम से बाहर हुए सहवाग की वापसी टीम में नामुमकिन सी नजर आ रही है...ऐसे में राजनीतिक दलों ने सहवाग को अपनी-अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए मोहरे बिछाने शुरु कर दिए हैं, सूत्रों की मानें तो बीजेपी सहवाग को अपनी पार्टी से जोड़ने के लिए पूरजोर तरीके से प्रयास कर रही है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगया जा सकता है कि बीजेपी ना तो इस बात की पुष्टि कर रही है और ना ही नकार रही है।

   बीजेपी ने सहवाग के लिए अपने दरवाजे खोले हुए हैं लेकिन इस रेस में कांग्रेस भी पीछे नहीं है, कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता की मानें तो सहवाग को टिकट देने की रेस में उनकी पार्टी बीजेपी से भी आगे है। सहवाग का परिवार पिछले पांच दशकों से कांग्रेस पार्टी का वफादार रहा है और उनकी बहन बहन अंजु कांग्रेस के टिकट पर नगर निगम का चुनाव जीत चुकी है, अपनी बहन की जीत के लिए सहवाग ने भी जम कर प्रचार किया था, सहवाग के पुराने कनेक्शन को देखते हुए माना जा रहा है कि वो दिल्ली विधानसभा का चुनाव कांग्रेस पार्टी की टिकट पर लड़ सकते हैं।

   कांग्रेस और बीजेपी अगर सहवाग पर डोरे डाल रही है तो आम आदमी पार्टी भी पिछे नहीं है, आम आदमी पार्टी का कहना है कि सहवाग की छवि उनका पार्टी की तरह पूरी तरह साफ सुथरी है और सहवाग अगर चाहे तो उनके लिए केजरीवाल के दरवाजे हमेशा खुले हैं। दरअसल सहवाग 24 कैरेट गोल्ड यानी वो खरा सोना हैं जिसे अपना बनाने का मतलब है एक सीट पर जीत पक्की, इसके साथ ही अहसास इस बात की भी है कि जीत महज एक सीट तक नहीं रहेगी बल्की संदेश उन युवाओं तक भी पहुंचेगा जिनकी नजरों में नजफगढ़ के सहवाग की नवाबी आज भी कायम हैं

Monday, 13 October 2014

                                         'B' फैक्टर और हरियाणा

                हरियाणा में चुनावी रंग अब आखिरी चरम पर है, और चुनाव के लिए रणक्षेत्र तैयार है. 15 अक्तूबर को जनता फैसला करेगी कि हरियाणा की कमान वो किसे सौंपेगी..लेकिन हर पार्टी का दावा है कि उससे बेहतर कोई नहीं, लेकिन पार्टी पॉलिटिक्‍स से अलग कुछ रोचक बातों पर नजर डाले तो, 'B' फैक्टर से हरियाणा का खास नाता रहा है...हरियाणा में सबसे ज्‍यादा बार कांग्रेस ने सरकार बनाई है और सभी कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों का नाम अंग्रेजी के 'बी' अक्षर से शुरू होता है.

1966 में हरियाणा के गठन के साथ हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भगवत दयाल शर्मा को सीएम बनाया था...इसके बाद साल 1968 में बंसीलाल सीएम बने और 1975 तक प्रदेश के सीएम रहे....इसके बाद बनारसी दास गुप्ता 1977 तक यहां के सीएम रहे, हरियाणा की जनता ने भजनलाल पर 1979 से 1986 तक भरोसा जताया और वही प्रदेश के सीएम रहे, इसके बाद साल 1991 में फिर से भजनलाल ने ही प्रदेश की बागडोर संभाली, यही नहीं 2005 के बाद से एक दशक तक कांग्रेस का ही प्रदेश में शासन रहा है और वर्तमान में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम हैं.

अब एक बार फिर चुनाव सामने है और राज्य में भूपेंद्र सिंह हुड्डा तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए पूरे प्रयास कर रहें हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार के विधानसभा चुनावों में सीएम का 'B' फैक्टर काम करता है या फिर बीजेपी का 'B' हावी होगा