अन्ना का नाम अब सात समंदर पार भी किसी तअर्रुफ का मोहताज नहीं रहा, बल्कि देशी मीडिया की तरह विदेशी मीडिया में भी इस नए जननायक की खासी चर्चा है-
केवल देश भर के मीडिया में ही नहीं, विदेशी मीडिया में भी अन्ना अन्ना ही गूंज रहा है, सारी दुनिया में इस अहिंसक क्रांति की चर्चा जोरों पर है । मशहूर टाइम मैगजीन ने लिखा है कि अन्ना के साथ खड़े लोग उनके हार्डकोर कार्यकर्ता नहीं बल्कि आम भारतीय हैं, जो अपना अपना काम छोड़कर इस मुहिम में कूद पड़े हैं, वो केवल भ्रष्टाचार से ही नहीं बल्कि सरकार के रवैये से भी नाराज हैं, क्योंकि सरकार तो भ्रष्टाचार से लड़ाई पहले ही हार चुकी है। पाकिस्तान के लीडिंग अखबार डॉन के मुताबिक इस आंदोलन ने भारतवासियों की जिंदगी बदल दी है उन्हें जीने का नया मकसद मिल गया है, और आने वाले कुछ दिन भारत के लिए काफी अहम साबित होने वाले हैं। द टेलीग्राफ कहता है कि गांधी टोपी की मांग ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसे पहनने वाले नए गांधी के खिताब से नवाजे जा रहे हैं। बैंकाक पोस्ट के मुताबिक थाईलैंड में भी आंदोलन की गूंज है, अखबार का कहना है कि इस मुहिम के क्या परिमाम होंगे अभी कहना मुश्किल है पर इतना तो तय है कि सरकार इससे जरूर हिल गई है, इसी तरह सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड इस आंदोलन को आधुनिक भारत का सबसे बड़ा आंदोलन करार देते हुए कहता है कि अन्ना हजारे तेजी से बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का चेहरा बन गए हैं ये कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।
मतलब ये कि जननायक बन कर उभरे अन्ना सिर्फ भारत में ही लोकप्रिय नहीं हो रहे, बल्कि सात समंदर पार भी इनके प्रशंसकों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है, और अन्ना का नाम दुनिया की उन कुछ गिनी चुनी हस्तियों में शुमार हो चुका है जिन्होंने संसार को एक नई दिशा देने का काम किया है।
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